वाहनों के लिए Fastag अनिवार्य, लेकिन इन टोल प्लाजा पर नहीं करेगा काम, जानें वजह

FASTag (फास्टैग) को चार पहिया वाहनों और इससे ऊपर की श्रेणी के वाहनों
के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। राष्ट्रीय राजमार्गों में अब किसी भी
टोल प्लाजा को पार करने के लिए आपके वाहन में फास्टैग का लगा होना जरूरी
है। फास्टैग नहीं होने पर दोगुना टोल टैक्स देने पड़ेगा। लेकिन राज्य
राजमार्गों (स्टेट हाईवे) पर इसे लागू नहीं किया जा सका है। इस समय
राष्ट्रीय राजमार्गों (नेशनल हाईवे) पर सभी टोल प्लाजा के अलावा सिर्फ
सात राज्य सरकारों के तहत आनेवाली सड़कों पर 112 प्लाजा इस स्मार्ट टैग
के जरिए टोल भुगतान ले रहे हैं।
ज्यादातर नगर निगमों ने अभी भी FASTag के माध्यम से एंट्री टैक्स कलेक्शन
की एक समान तरीके की शुरुआत नहीं की है। दिल्ली में नगर निगम ने
वाणिज्यिक वाहनों (कमर्शियल व्हीकल्स) के लिए एक अलग RFID (आरएफआईडी) टैग
जारी किया है।
इसके अलावा, इस समय पार्किंग शुल्क का भुगतान करने के लिए भी इस स्मार्ट
टैग का अभी तक कहीं भी इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। हालांकि दिल्ली में
इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर FASTag के माध्यम से पार्किंग
शुल्क का भुगतान करने के लिए एक पायलट अध्ययन किया गया है और दूसरा जल्द
ही दिल्ली के द्वारका में एक व्यावसायिक इलाके में शुरू होगा।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, इस समय नेशनल हाईवे के पूरे नेटवर्क पर
करीब 670 टोल प्लाजा हैं। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया, भारतीय
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के एक अधिकारी ने कहा, “फास्टैग
के जरिए लेन-देन सभी नेशनल हाईवे टोल प्लाजा पर हो रहा है। फस्टैग के
माध्यम से किए गए टोल भुगतान लेनदेन की हिस्सेदारी करीब 85 फीसदी तक
पहुंच गई है।
जहां तक राज्य सरकारों के अधीन आनेवाली टोल सड़कों की बात है तो हैदराबाद
ग्रोथ कॉरिडोर लिमिटेड के तहत सभी 19 टोल प्लाजा, महाराष्ट्र राज्य सड़क
विकास निगम के तहत सड़कों पर 18 टोल प्लाजा, मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम
के तहत 17 प्लाजा और यूपी एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के तहत
आने वाले 17 टोल प्लाजा यात्रियों को फास्टैग के जरिए भुगतान करने की
अनुमति देते हैं।
इसी तरह, गुजरात में 13 टोल प्लाजा, कर्नाटक रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के
तहत आनेवाले 15 टोल प्लाजा और तमिलनाडु रोड डेवलपमेंट कंपनी के तहत 10
टोल प्लाजा फास्टैग के जरिए टोल शुल्क के भुगतान की अनुमति देते हैं।
एक अधिकारी ने कहा, “राज्य की सड़कों पर 100 ऐसी टोल प्लाजा होंगी जहां
फास्टैग के जरिए ट्रांसेक्शन नहीं हो रहा है। हम राजथान और पंजाब में
फैस्टैग-आधारित लेनदेन को लेकर आशान्वित हैं, जहां टोल प्लाजा की
अच्छी-खासी संख्या है। हम सभी सड़कों पर ‘वन टैग कॉन्सेप्ट’ को लागू करने
के लिए सभी एजेंसियों को एक साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं।
जब वाणिज्यिक वाहनों द्वारा नगर निकायों में एंट्री टैक्स के भुगतान की
बात आती है, तो यह देखा गया है कि कि सभी नगर निकायों ने अभी भी फास्टैग
के जरिए भुगतान लेना शुरू नहीं किया है।
रिपोर्ट के मुताबिक एक टैक्सी एग्रीगेटर के साथ काम करने वाले एक ड्राइवर
राजेश कुमार ने कहा, “जब सरकार ‘वन नेशन वन टैग’ की बात करती है, तो सभी
एजेंसियां अलग-अलग टैक की बजाए एक ही टैग के लिए राजी क्यों नहीं हो
जातीं। यदि हर शहर अपने खुद के टैग को लाना शुरू कर देगा, तो हमारे
विंडस्क्रीन पर दर्जनों टैग टंग सकते हैं।”
अधिकारियों ने कहा कि अब फास्टैग का इस्तेमाल करने पर कुछ अन्य फायदे
देने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इससे लोग यात्रा, पार्किंग और अन्य
शुल्क का भुगतान करने के लिए स्मार्ट टैग का उपयोग करने के लिए
प्रोत्साहित होंगे।